पुरुष अधिकारो से जुडी एक खबर जनसंदेश टाइम्स में!

पुरुष अधिकार से सम्बंधित ये खबर दो दिसंबर 2013 को जनसंदेश टाइम्स में छपी.इस खबर का सकारात्मक परिणाम रहा शहर में क्योकि छपने के कुछ अंतराल पर हाई कोर्ट के अधिवक्ताओ और कुछ बुद्धिजीवियो ने ये कहा कि ये बड़े स्तर की साजिश है हिन्दू परिवारो को तोड़ने की. सो ये समाचार पत्र बधाई का पात्र है और वो लोग भी जो इस मामले में भारत देश में पूरी तन्मयता से लगे हुए है. शायद लोगो को पुरुष उत्पीड़न का एहसास हो जाए!
पुरुष अधिकार से सम्बंधित ये खबर दो दिसंबर को जनसंदेश टाइम्स में छपी. विवाह कानून (संशोधन) विधेयक 2010 को लेकर पुरुष अधिकार संघटनो जिनमे सेव इंडियन फॅमिली फाउंडेशन और मेंस राइट्स एसोसिएशन प्रमुख रूप से शामिल है के द्वारा नई दिल्ली में सांसदो को अपनी आपत्तियों से पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएगा जो उनको व्यक्तिगत रूप से सौपे जायेंगे संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में। इस बाबत ये महत्त्वपूर्ण खबर इलाहाबाद के इस प्रमुख हिंदी अख़बार में छपी जिसका प्रकाशन कई शहरो में होता है.
इस खबर का सकारात्मक परिणाम रहा शहर में क्योकि छपने के कुछ अंतराल पर हाई कोर्ट के अधिवक्ताओ और कुछ बुद्धिजीवियो ने ये कहा कि ये बड़े स्तर की साजिश है हिन्दू परिवारो को तोड़ने की. सही बात है क्योकि देखने में यही आ रहा है कि जितने घातक संशोधन हिन्दू विवाह अधिनियम में हुए है और वो भी पुरुष विरोधी किसी सुनियोजित साजिश का अंग लगते है. सबसे खेदजनक बात ये है कि हिन्दू हितु की रक्षा करने का दावा करने वाली संस्थाए और राजनैतिक पार्टिया इस मुद्दे पर आश्चर्यजनक रूप से खामोश और निष्क्रिय है. जबकि इसी मुद्दे पर अमरीका आदि देशो में कुछ सचेत हिन्दुओ ने इस बात को तीव्रता से महसूस किया है लेकिन हमारे यहाँ लोग अभी गहरी नींद में है इस मुद्दे पर.
सो ये समाचार पत्र बधाई का पात्र है और वो लोग भी जो इस मामले में भारत देश में पूरी तन्मयता से लगे हुए है. शायद लोगो को पुरुष उत्पीड़न का एहसास हो जाए.
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विवाह कानून (संशोधन) विधेयक 2010: सरकार को पुरुष संघटनो की तरफ से कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण सुझाव
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